मंहगाई भत्ता और गृहभाड़ा भत्ता के लिए प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन

 मंहगाई भत्ता और गृहभाड़ा भत्ता के लिए प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन 

cgshiksha.in रायपुर -छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा 25 जुलाई से सबसे बड़ा आंदोलन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश का 80 से अधिक मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठन द्वारा केंद्र के समान देय तिथि से मंहगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा भत्ता दिए जाने की मांग को लेकर निश्चितकालीन /अनिश्चितकालीन हड़ताल 25 जुलाई से किया जा रहा है। इस आंदोलन में प्रदेश के समस्त अधिकारी -कर्मचारी शामिल हो रहे हैं जिससे प्रदेश के शासकीय कार्यालयों के दरवाजों में हड़ताल अवधि तक ताला लटके नजर आएंगे। इस 5 दिवसीय घोषित निश्चितकालीन आंदोलन में प्रदेश के अफसर से लेकर चपरासी तक हर कोई कर्मचारी शामिल हो रहे हैं। इससे प्रदेश के आम नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। 



25 जुलाई से सभी शासकीय कार्यालयों में लटकेंगें ताले 👇


छत्तीसगढ़ के सभी अधिकारी -कर्मचारी केंद्र के समान देय तिथि से डीए और सातवें वेतनमान के अनुसार HRA की मांग को लेकर कल 25 जुलाई से बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ कर्मचारी -अधिकारी फेडरेशन का दावा है कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश शासकीय दफ्तरों के दरवाजें पर ताले लटके रहेंगे। जिन कार्यालयों के दरवाजे खुले रहेंगे ,वह दफ्तर भी सुने रहेंगे। प्रदेश के स्कूलों में ताला लटका रहेगा। अस्पताल खुले तो नर्स और स्वास्थ्य कर्मी नहीं रहेंगे। स्कूल खुलेगा भी तो शिक्षक नहीं मिलेंगे ,,,,,,शासकीय कार्यालयों के दफ्तर खुलेंगे तो वहां कोई कर्मचारी नजर नहीं आएंगे। प्रदेश के कर्मचारियों -अधिकारियों की इस हड़ताल ने सरकार को भी सकते में डाल दिया है। 

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विपक्ष को मिल गया है सरकार को घेरने का बैठे -बैठे मुद्दा 👇

 

प्रदेश के कर्मचारियों -अधिकारियों का यह आंदोलन ऐसे समय होने जा रहा है ,जब प्रदेश के विधानसभा का शीतकालीन अधिवेशन चल रहा है। सरकार को घेरने के लिए विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा बैठे -बैठे मिल गया है जिसे विपक्ष विधानसभा में उठाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा। 22 जुलाई को सहायक शिक्षकों द्वारा वेतन विसंगति दूर करने के लिए आयोजित आंदोलन के दिन भी विपक्ष ने विधानसभा में सरकार को आड़े हाथों घेरा था। सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। विपक्ष सदन में सरकार को उनके घोषणा पत्र में शामिल वादों से पीछे मुकरने का आरोप लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ने वाला है। विपक्ष का तेवर कड़े है और कर्मचारियों के मुद्दे पर भी विधानसभा में हंगामा करने के मूड में है। 

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पिछली रमन सरकार समय डीए के लिए नहीं करना पड़ा था आंदोलन 👇


छत्तीसगढ़ में वर्तमान कांग्रेस की भूपेश सरकार से पहले भाजपा की रमन सरकार पंद्रह वर्ष तक काबिज थी। इन पंद्रह साल तक की रमन सरकार में छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को कभी मंहगाई भत्ता के लिए आंदोलन करने की जरुरत नहीं पड़ी थी। रमन सरकार द्वारा कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता केंद्र द्वारा देय तिथि से एरियर्स भुगतान के साथ दिया जाता था। कर्मचारियों को कभी मंहगाई भत्ता के लिए आंदोलन करना नहीं पड़ा था। प्रदेश में कांग्रेस की भूपेश सरकार बनने के बाद कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। भूपेश सरकार द्वारा बिना आंदोलन के कर्मचारियों की मंहगाई भत्ता में भी वृद्धि नहीं की जा रही है। पिछले मई 2022 से 5 %मंहगाई भत्ते में वृद्धि की गई जिसे देय तिथि से नही दिया गया है। 

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कर्मचारियों को हो रहा है आर्थिक नुकसान 👇


छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को अभी केंद्र से 12 %कम मंहगाई भत्ता मिल रहा है। इस बढ़ती मंहगाई के कारण कर्मचारी वर्ग मंहगाई भत्ता में वृद्धि नहीं  किये जाने से सरकार से खासी नाराज दिखाई दे रहे है। राज्य  कर्मचारियों को अभी 22 %मंहगाई भत्ता मिल रहा है जबकि केंद्रीय कर्मचारियों और अन्य कई राज्यों के कर्मचारियों को 34 %मंहगाई भत्ता मिल रहा है। अभी जो सुगबुगाहट सुनाई दे रही है उसके अनुसार केंद्र सरकार 5 %मंहगाई भत्ता में वृद्धि करने वाली है। लिहाजा छत्तीसगढ़ के कर्मचारी पूर्व की तरह एक बार फिर से केंद्रीय कर्मचारियों से 17 %डीए से पीछे हो जायेंगे। अभी वर्तमान में 12 %मंहगाई भत्ता कम मिलने से प्रदेश के कर्मचारियों को प्रतिमाह 3000 से 10000 रुपये तक का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। 

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आंदोलन की वजह से 9 दिन कार्यालय रहेंगे बंद 👇


 छत्तीसगढ़ कर्मचारी -अधिकारी फेडरेशन ने 25 जुलाई 2022 याने सोमवार से 29 जुलाई 2022 शुक्रवार तक पांच दिवसीय आंदोलन का ऐलान किया है। इस दौरान मंत्रालय और संचालनालय सहित लगभग सभी शासकीय कार्यालय बंद रहेंगे। इस पांच दिवसीय निश्चितकालीन आंदोलन की वजह से प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में 9 दिन कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। सोमवार को आंदोलन शुरू होने से पहले 23 जुलाई को शानिवार के दिन होने के कारण शासकीय कार्यालयों  छुट्टी थी। 24 जुलाई रविवार को छुट्टी थी। 25 जुलाई से 29 जुलाई पांच दिवसीय आंदोलन है। 30 जुलाई फिर शनिवार और अगला दिन रविवार होने के कारण छुट्टी है। इस प्रकार प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में 09 दिन कामकाज प्रभावित होंगे। 

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सोमवार 25 जुलाई से स्कूलों में लटकेंगे ताले 👇


वहीं प्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग भी इस हड़ताल से खासा प्रभावित होगा। सोमवार 25 जुलाई से प्रदेश के स्कूलों के दरवाजे में ताला लटके मिलेंगे। हालाँकि स्कूलों के शिक्षक मंहगाई भत्ता और गृहभाड़ा भत्ता को लेकर हो रहे प्रदेश के सबसे बड़े आंदोलन में दो खेमों में बटे हुए है। प्रदेश का शिक्षक संगठन निश्चितकालीन और अनिश्चितकालीन दो खेमों में बटे हुए है। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन ,संयुक्त शिक्षक संघ ,क्रांतिकारी शिक्षक संघ ,सर्व शिक्षक सघ आदि जहाँ पांच दिवसीय निश्चितकालीन आंदोलन में भाग ले रहे हैं ,वहीं छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोशिएशन ,शालेय शिक्षक संघ और नवीन शिक्षक संघ ने मिलकर 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन आंदोलन का ऐलान किया है।ऐसे में प्रदेश के सभी शासकीय स्कूलों में 25 जुलाई से ताला लटकना तय है। 

राजपत्रित अधिकारी भी खुलकर हड़ताल पर उतर रहें 👇 


छत्तीसगढ़ कर्मचारी -अधिकारी फेडरेशन के पांच दिवसीय निश्चितकालीन आंदोलन के समर्थन में पहली बार प्रदेश का राजपत्रित अधिकारी भी खुलकर सामने आ गया है। कई जिलों के अधिकारियों ने केंद्र के समान मंहगाई भत्ता और सातवें वेतनमान पर HRA की मांग को लेकर होने जा रहे आंदोलन में शामिल होने का ऐलान कर दिया है। वही कई जिलों के डीईओ ,बीईओ ,संयुक्त संचालक ,उपसंचालक आदि अधिकारियों ने हड़ताल में शामिल होने की सूचना दे दी है। पहली बार इस तरह का हड़ताल देखने को मिलेगा ,जिसमे राजपत्रितअधिकारी से लेकर चपरासी ,ड्राइवर तक हड़ताल में शामिल होगा। 

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चिकित्सा विभाग में नर्सों ने भी किया हड़ताल का समर्थन 👇


कई जिलों से मिल रही खबर अनुसार कई जिलों के स्वास्थ्यकर्मियों ने भी अपना समर्थन पत्र छत्तीसगढ़ कर्मचारी -अधिकारी फेडरेशन को सौंप दिया है। प्रदेश के नर्सों ने भी हड़ताल में शामिल होने की हामी भर दी है। लिहाजा इस आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभाव चिकित्सा विभाग में पड़ेगी जिससे प्रदेश का स्वास्थ्य व्यवस्था भी चरमरा सकती है।  




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