केंद्र के समान मंहगाई भत्ता के मांग को लेकर अधिकारी कर्मचारी सरकार से आर -पार की लड़ाई के मूड में
cgshiksha.in रायपुर -छत्तीसगढ़ के अधिकारी -कर्मचारी केंद्र के समान मंहगाई भत्ता की मांग को लेकर बड़ी आंदोलन करने की तैयारी कर चुकी है। छत्तीसगढ़ के अधिकारी कर्मचारी अब मंहगाई भत्ता की मांग को लेकर सरकार से आर -पार की लड़ाई लड़ने के मुड में दिखाई दे रही है।छत्तीसगढ़ में एक बार फिर शासकीय कर्मचारियों द्वारा केंद्र के समान 34 %मंहगाई भत्ता देने का मुद्दा गरमाने लगा है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण प्रदेश भर के शासकीय अधिकारी कर्मचारी 25 जुलाई 2022 से पांच दिवसीय निश्चितकालीन आंदोलन करने जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ कर्मचारी -अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश का 71 कर्मचारी संगठन मिलकर लंबित मंहगाई भत्ता की मांग को लेकर 25 जुलाई 2022 से पांच दिवसीय निश्चितकालीन आंदोलन करने की विधिवत सूचना प्रदेश के मुख्य सचिव और सभी विभागाध्यक्षों को दे दी गई है।
पिछले तीन वर्ष से नहीं मिला है लंबित मंहगाई भत्ता 👇
छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को सरकार द्वारा लंबित मंहगाई भत्ता पिछले तीन वर्षों से नहीं दिया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के प्रथम लहर के समय से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों की मंहगाई भत्ता में किये जाने वाले बृद्धि पर रोक लगा दिया गया है। इससे कर्मचारियों को अब तक लाखों रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कर्मचारियों द्वारा पिछले समय कामबंद कलम उठा आंदोलन करने पर सरकार द्वारा सितम्बर 2021 में 5%मंहगाई भत्ता जुलाई 2021 से दिया गया। सरकार द्वारा शेष बकाया डीए दीवाली में देने का वादा किया गया लेकिन दीवाली ,नववर्ष ,होली बीत जाने के बाद भी कर्मचारियों की मंहगाई भत्ते में इजाफा नहीं किया गया। कमचारियों द्वारा लगातार ज्ञापन ,आंदोलन करने पर सरकार द्वारा मई 2022से 5 %डीए में वृद्धि की गई जो इस बढ़ती मंहगाई में ऊंट के मुँह में जीरा के समान है। छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों अभी भी केंद्रीय कर्मचारियों से 12 %कम मंहगाई भत्ता सरकार दे रही है।
छत्तीसगढ़ के कर्मचारी केंद्र और अन्य राज्यों से 12 %पीछे 👇
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के शासकीय कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों और कई अन्य राज्यों के कर्मचारियों से काफी कम मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है। केंद्र सरकार जहाँ अपने कर्मचारियों को 34 %मंहगाई भत्ते की लाभ दे रही है वहीं छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को अभी 22 %डीए का लाभ दिया जा रहा है। इससे छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को हजारों रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। साथ ही कर्मचारियों को पिछले तीन वर्ष से लंबित मंहगाई भत्ते का एरियस राशि भी प्रदान नहीं किया गया है।
पूर्व सरकार के समय मंहगाई भत्ता को लेकर नहीं हुआ था आंदोलन 👇
आज छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन मंहगाई भत्ता की मांग को लेकर 5 दिवसीय निश्चितकालीन कामबंद कलम उठा आंदोलन 25 जुलाई से करने जा रहे हैं जिसमे प्रदेश के 71 कर्मचारी संगठन शामिल हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार गठित होने के बाद कर्मचारियों को लंबित डीए के लिए इतना बड़ा आंदोलन करना पड़ रहा है जबकि पूर्ववर्ती भाजपा की 15 वर्ष रहे रमनसिंह सरकार में कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता के लिए आंदोलन नहीं करना पड़ता था और रमन सरकार द्वारा डीए में वृद्धि के साथ एरियर्स का भी भुगतान किया जाता था लेकिन भूपेश सरकार में कर्मचारियों को लंबित मंहगाई भत्ते की मांग को लेकर इतना बड़ा आंदोलन करना पड़ रहा है।
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फेडरेशन का लंबित डीए मांग लेकर चार चरणों में आंदोलन 👇
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा लंबित मंहगाई भत्ता का आंदोलन चार चरणों का है।25 जुलाई से 29 जुलाई तक पांच दिवसीय निश्चितकालीन आंदोलन तीसरा चरण है जिसमें प्रदेश के कर्मचारी -अधिकारी 05 दिवस का अवकाश लेकर आंदोलन करेंगे। वहीं इस आंदोलन से सरकार मांग पूरा नहीं करती है तो चौथे चरण में प्रदेश के कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे। वहीं लंबित मंहगाई भत्ता की मांग को लेकर किये जाने वाले आंदोलन छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले आयोजित की जा रही है जिसमे प्रदेश के पंजीकृत 71 कर्मचारी संगठन शामिल होने जा रहा है।
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आंदोलन की रुपरेखा :
पहला चरण -30 अप्रैल 2022
द्वितीय चरण -29 जून 2022
तृतीय चरण -25 जुलाई से 29 जुलाई
चौथा चरण -अनिश्चितकालीन आंदोलन
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छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन में शामिल 71 संगठनों की सूची और और विस्तृत ज्ञापन देखें 👇
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