छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र 7 मार्च से ,मुख्यमंत्री बजट पेश करेंगे 9 मार्च को ,प्रदेश के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की हो सकती है घोषणा , शिक्षकों की नजरें टिकी है वेतन विसंगति के लिए बजट प्रावधान पर
cgshiksha.in रायपुर -छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 7 मार्च 2022 से शुरू होने जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिनके पास वित्त मंत्रालय भी है ,दिनांक 09 मार्च को प्रदेश विधानसभा सत्र में 2022-23 वित्त वर्ष का बजट पेश करेंगे। इस बार के बजट में प्रदेशवासियों के साथ ही सबसे ज्यादा प्रदेश के कर्मचारियों की नजरे टिकी हुई है। इस बार के बजट से सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर होने की आस ,प्रदेश के कर्मचारी वर्ग को पुरानी पेंशन का लाभ ,कर्मचारियों की मंहगाई भत्ते में बढ़ोत्तरीआदि पर कर्मचारियों की नजरें टिकी हुई है। इस बजट से प्रदेश के कर्मचारियों को बड़ी सौगात मिलने की पूरी संभावना है।
07 मार्च से शुरू होगी विधानसभा का बजट सत्र 👇
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 7 मार्च 2022 सोमवार से शुरू होगी। प्रदेश के राज्यपाल के अभिभाषण के साथ 7 मार्च को प्रदेश का विधानसभा का बजट सत्र का शुरुवात होगा। 08 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी। इसके अगले दिन 09 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दोपहर 12 बजे चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आमबजट पेश करेंगे। इस बार की बजट में कर्मचारियों की नजरें ज्यादा टिकी हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस साल के बजट में प्रदेश के कर्मचारी वर्ग को बहुत बड़ी सौगात मिलने की पूरी संभावना है।
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कर्मचारियों को मिल सकती है पुरानी पेंशन योजना की सौगात 👇
राजस्थान प्रदेश की कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार द्वारा पुरानी पेंशन की घोषणा किये जाने के बाद छत्तीसगढ़ में भी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू किये जाने की पूरी संभावना है। इस बार के बजट में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल होने की पूरी उम्मीद है। वहीं राजस्थान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी जिस तरह चर्चाएं हो रही है ,उससे साफ लग रहा है कि छत्तीसगढ़ की सरकार भी इसी बजट सत्र में पुरानी पेंशन योजना की बहाली की घोषणा कर सकती है।
पिंगुआ कमिटी की बैठक में पुरानी पेंशन की लाभ मिलने के मिले हैं संकेत 👇
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के 14 सूत्रीय माँगों के निराकरण के लिए बनायीं गई पिंगुआ कमिटी की बैठक 03 मार्च 2022 को आयोजित हुई थी। इस बैठक में प्रदेश के सभी कर्मचारी संघठनों ने भाग लिया था। इस बैठक में छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की 14 सूत्रीय मांगो के निराकरण के लिए बनी पिंगुआ कमिटी के साथ कर्मचारी संघठनों की बैठक में भी पुरानी पेंशन बहाली के संकेत मिले हैं।बैठक के बाद यह जानकारी सामने आयी है कि प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू करने हेतु गंभीर है और संभावना है कि प्रदेश सरकार इसी बजट सत्र में ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर सकती है।
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सहायक शिक्षकों की नजरें टिकी है वेतन विसंगति पर 👇
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ में 109000 सहायक शिक्षकों द्वारा अपनी एक सूत्रीय वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर बहुत बड़ा आंदोलन किया गया था। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश के सहायक शिक्षकों ने 11 दिसंबर से 28 दिसंबर तक अनिश्चितकालीन आंदोलन किया था। सहायक शिक्षकों का आंदोलन प्रदेश के मुख्यमंत्री के ठोस आश्वासन पर स्थगित हुई थी। प्रदेश के सहायक शिक्षकों की नजरें इस बजट पर तिकी है कि प्रदेश की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने आश्वासन और चुनाव पूर्व किये वादे के अनुसार प्रदेश के सहायक शिक्षकों की पीड़ा को दूर करते हुए इस बजट में सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर करने के लिए प्रावधान जरूर करेगा।
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वेतन विसंगति ,ओपीएस के आलावा कर्मचारियों की नजरें मंहगाई भत्ते पर 👇
प्रदेश के कर्मचारियों की प्रमुख मांग वेतन विसंगति ,पुरानी पेंशन बहाली के साथ ही प्रमुख मांग मंहगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी की है। प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों से 14 %कम मंहगाई भत्ता मिल रहा है।प्रदेश के कर्मचारियों को अभी 17 %डीए मिल रहा है जबकि केंद्र और कुछ राज्यों के कर्मचारियों को 31 %डीए मिल रहा है। मंहगाई भत्ता बढ़ोत्तरी की मांग कर्मचारियों की एक प्रमुख मांग है। प्रदेश के कर्मचारियों के द्वारा मंहगाई भत्ता में बढ़ोत्तरी की मांग लगातार सरकार से की जा रही है। मुख्यमंत्री ने पिछले समय 5 %मंहगाई भत्ता में बढ़ोत्तरी करते समय बाकी डीए दीवाली में देने की बात कर्मचारी नेताओं से कहा था लेकिन सरकार ने दीवाली में कर्मचारियों की डीए में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की।
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मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को मिलेगा अब 31 %मंहगाई भत्ता ,मुख्यमंत्री ने किया घोषणा 👇
छत्तीसगढ़ के मातृ प्रदेश मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान 31 %मंहगाई भत्ता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आज दिनांक 05 मार्च को अपने जन्मदिन के मौके पर प्रदेश के कर्मचारियों को डीए का सौगात देने का घोषणा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश के कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2022 से केंद्र के समान 31 %मंहगाई भत्ता दी जाएगी।
अब केंद्र के सामान डीए देने के लिए सरकार पर बनेगी दबाव 👇
मध्यप्रदेश में सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2022 से केंद्र के सामान 31 %मंहगाई भत्ता दिए जाने के घोषणा करने के बाद अब भूपेश बघेल की छत्तीसगढ़ सरकार पर डीए बढ़ाये जाने का दबाव बढ़ने लगा है। प्रदेश के कर्मचारी 14 %डीए बढ़ाये जाने की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर देंगे। प्रदेश सरकार द्वारा डीए में मामूली बढ़ोत्तरी किये जाने के संकेत मिल रहे थे लेकिन मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा केंद्र के समान मंहगाई भत्ता दिए जाने की घोषणा के साथ अब छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों द्वारा डीए बढ़ोत्तरी का माँग बढ़ने लगेगा और कर्मचारी संगठन आंदोलन करने के लिए एकजुट होने लगेंगे।
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