स्कूलों में अकादमिक व्यवस्था में कसावट लाने अक्टूबर माह में निरीक्षण के लिए 15 बिंदु तय
cgshiksha.in रायपुर -छत्तीसगढ़ राज्य के स्कूलों में अकादमिक व्यवस्था में कसावट लाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के सभी स्कूलों के निरीक्षण का निर्देश शिक्षा अधिकारियों एवं संकुल समन्वयकों को दिया गया है। स्कूलों के निरीक्षण के लिए शिक्षा विभाग द्वारा प्रति माह के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
संकुल समन्वयक अपने संकुल के प्रत्येक स्कूल का कम से कम एक बार ,विकासखंड शिक्षा अधिकारी ,सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी ,बीआरसीसी और संकुल प्राचार्य को क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कुल स्कूलों में से कम से कम 10 फीसदी स्कूलों की निरीक्षण इस प्रकार करेंगे कि शिक्षा सत्र में उनके द्वारा अपने क्षेत्र की शत -प्रतिशत स्कूलों की मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो जाये। जिला शिक्षा अधिकारी ,प्राचार्य डाइट ,जिला मिशन समन्वयक को कुल स्कूलों में से कम से कम 5 %स्कूलों की मॉनिटरिंग इस करना होगा कि शिक्षा सत्र में उनके द्वारा क्षेत्र की कम से कम 50 %स्कूलों की मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो जाये।
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माह अक्टूबर के लिए निर्धारित 15 बिंदु देखें - 👇
स्कूलों के निरीक्षण के लिए माह अक्टूबर के लिए 15 निरीक्षण बिंदु शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है। जिसके आधार पर स्कूलों की वास्तविक स्थिति को देखकर हाँ या ना में जवाब देना है। स्कूलों के निरीक्षण के लिए शामिल किये गए बिंदुओं में ये बिंदु शामिल है।
1 .स्कूल में 80 %से अधिक विद्यार्थी 10 दिनों से नियमित स्कूल में उपस्थित हो रहे हैं।
2 .स्कूल के सभी कक्षा में लर्निग आउट कम की प्राप्ति करने वाले बच्चो की संख्या 50 %से अधिक है।
3 .स्कूल में मुस्कान पुस्तकालय से 50 %से अधिक बच्चे पुस्तकों का नियमित अध्ययन और पुस्तक आधारित गतिविधि में शामिल हो रहे हैं।
4 .कक्षा से 5 बच्चे का रेंडम चयन कर पठन और गणितीय कौशल का आंकलन करने पर वे बच्चे सही -सही पढ़ और गणित हल कर पा रहे है।
5 .विभिन्न विषयों के अध्यापन को प्रयोग प्रदर्शन के साथ जोड़कर समझ के साथ सीखना सुनिश्चित करने शाला के सभी शिक्षक नियमित रूप से प्रयोगो का सहारा लेते हैं।
6 शाला का वातावरण आकर्षक ,साफ -सुथरा और भवन सुरक्षित एवं मजबूत हैं।
7 .सभी बच्चे साफ -सुथरे ,स्वच्छ गणवेश और मास्क पहनकर आते हैं और बच्चो के बाल और नाख़ून भी ठीक से कटे हुए हैं।
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8 .शाला प्रबंधन समिति की नियमित बैठकों का आयोजन होता है और इन बैठकों में बच्चों के गुणवत्ता सुधार पर ध्यान दिया जाता है।
9 .स्कूल में मध्यान्ह भोजन बनाने ,वितरण और पेयजल आदि की व्यवस्था अच्छी है।
10 .स्कूल में शौचालय ,मूत्रालय आदि स्वच्छ ,उपयोग के लायक एवं पानी की उपलब्धता के साथ हाथ धोने के लिए साबुन आदि की व्यवस्था है।
11 .पढाई तुंहर द्वार 2 .0 की सभी गतिविधिया पढ़ने -लिखने का अभ्यास ,गणित के सवाल ,विज्ञानं के प्रयोग ,प्रोजेक्ट कार्य स्कूल में आयोजित किये जा रहे हैं।
12 राष्टीय उपलब्धि परीक्षण के अनुरूप स्कूलों में बच्चो के साथ निरंतर अभ्यास करवाया जा रहा है।
13 .बच्चो के आंकलन की जांची गई उत्तर पुस्तिकाएं स्कूल में उपलब्ध है।
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14 .बच्चो का स्तर आंकलन में दिए गए अंक के अनुरूप है।
15 .कोरोना लॉकडाउन की वजह से हुए सीखने के नुकसान को कम करने समुदाय द्वारा बच्चों को सीखने के लिए स्कूल समय से अलग समय देकर सीखने के लिए व्यवस्था में सहयोग दिया जा रहा है।
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